भैया, पता नहीं दुनिया में हो क्या रहा है! कभी लगता है अपन ही गलत प्लेनेट पर लैंड कर गए हैं या बाकी सब ‘भांग के पकोड़े’ खाकर घूम रहे हैं। लोगों को खुद समझ नहीं आ रहा कि आखिर उन्हें करना क्या है। एक पल कहते हैं, “ये सही, यही परम सत्य!” और अगले ही पल उसी सत्य का ऐसा ‘यू-टर्न’ मारते हैं कि गूगल मैप्स भी शरमा जाए। राजनीति में तो इसे ‘मास्टरस्ट्रोक’ कहते हैं, आम जिंदगी में हम ‘पलटीमार’ कह देते हैं। खैर, नाम में क्या रखा है, भावना तो एक ही है – कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन है, सोल्यूशन का पता नहीं!
और सबका यही हाल है, भैया। अब मेरा ही किस्सा ले लो। एक समय था जब मैं वक्त की कद्र नहीं करता था, सोचता था “टाइम ही तो है, कौन सा भागा जा रहा है।” आज जब वक्त पलटकर जवाब दे रहा है, तो समझ आ रहा है कि हीरे का मोल सच में उसे खोने पर या, यूँ कहें कि, जब वो भाव खाने लगे, तब पता चलता है।
अब आप पूछोगे, “इतना बड़ा बिल्ड-अप क्यों बना रहे हो भाई, सीधे मुद्दे पे आओ।” तो भैया, मुद्दा ये है कि बिल्ड-अप बनाना आजकल का फैशन है, चाहे वो सस्पेंस थ्रिलर का क्लाइमेक्स हो या Virat kohli भाई के रिटायरमेंट की खबरें। और इसी फैशन की ताजा पेशकश आई है हिंदुस्तान टाइम्स के पन्नो से, एक आर्टिकल छपा है – “BCCI makes last-ditch request for Virat Kohli to reverse retirement, but with an RCB catch: ‘He’s going to come back…'”
Virat kohli भाई की वापसी और हमारा फिटनेस ड्रामा:
तो भाई, ये पढ़ते ही दिल में लड्डू फूटा, नहीं-नहीं, प्रोटीन लड्डू! लगा कि कोहली भाई लगता है यू-टर्न मारने की फुल तैयारी में हैं। और क्यों न मारें? आखिर देश में दो ही तो ‘अविनाशी’ प्रेरणा स्रोत बचे हैं – एक अपने प्रधान सेवक मोदी जी और दूसरे अपने चीकू भैया, Virat kohli। इन्हीं को देखकर तो हम जैसे ‘आज करेंगे, कल करेंगे’ वाले फिटनेस के पुजारियों को सुबह-सुबह जिम की शक्ल देखने की प्रेरणा जो मिलती है।
पर ये भी एक अलग ही ट्रेजेडी है कि दोपहर होते-होते जब कुछ और ‘महापुरुषों’ (जो सोफे से उठने में भी आलस करते हैं) को देख लेते हैं, तो सारा मोटिवेशन हवा हो जाता है। फिर अंदर का दार्शनिक जागता है और कहता है, “अरे! ये हाड़-मांस का पुतला क्या, मैं तो आत्मा हूँ, और आत्मा तो वैसे भी वक्त की मार से पतली हो ही गई है, अब और क्या सुखाओगे!” लगता है, टॉपिक की सेंचुरी मारने से पहले ही हम पवेलियन से बाहर निकल गए, तो मुद्दे पे लौटते हैं।
पब्लिक का ‘कभी हाँ, कभी ना’ वाला प्यार:
तो भाई, हुआ यूँ कि हम जो पब्लिक हैं ना, बड़े ही ‘क्षणे रुष्टा, क्षणे तुष्टा’ टाइप के जीव हैं। अभी कुछ दिन पहले जब Virat kohli भाई के बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे, तो यही हम थे जो ज्ञान दे रहे थे, “अरे, उम्र हो गई है, फॉर्म चला गया है, अब तो इज्जत से रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए।” और अब, जब भाई ने वाकई में दिल पर पत्थर रखकर (या शायद नहीं भी रखकर) रिटायरमेंट ले ली, तो सब मिलकर भजन गा रहे हैं, “वापस आ जाओ, वापस आ जाओ!”
कसम से, शाहिद अफरीदी समझ रखा है क्या? कि हर छह महीने में रिटायरमेंट का ड्रामा होगा, फिर ‘मूड स्विंग’ होगा और वापसी! भाई, ये मूड है या टीवी का चैनल जो जब मन किया बदल लिया? और यही पावन काम ये पब्लिक और परम ज्ञानी मीडिया वाले अपने धोनी भाई और मोदी जी के साथ भी बखूबी कर रहे हैं – “कब लोगे रिटायरमेंट? कब, कब, कब…?” अरे भाई, सास-बहू का सीरियल बना दिया है इन लोगों ने!
अब आर्टिकल की ‘इनसाइड स्टोरी’ भी सुन लीजिए:
तो, उस आर्टिकल में जो लिखा है, उस पर भी जरा गौर फरमाइए, फिर मैं अपना ‘अनमोल’ टेक देता हूँ। बताया गया है कि थोड़ी सी, मतलब ऊँट के मुँह में जीरे जितनी, उम्मीद है कि Virat kohli भाई अपना मन बदल लेंगे। और ये उम्मीद क्यों जगी है? क्योंकि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के चेयरमैन, श्री अरुण धूमल जी ने कोहली भाई से गुजारिश की है कि वो टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का अपना फैसला पलट दें।
अब धूमल जी के ‘गोल्डन वर्ड्स’ भी सुनिए, एकदम ध्यान से, कान में तेल डालकर:
“See neither do I think that, nor do I hope that,” Dhumal told PTI when asked if he sees Kohli retiring if RCB win IPL 2025.” (मतलब RCB जीते या हारे, टेस्ट रिटायरमेंट का उससे लेना-देना नहीं, ऐसा उनका मानना है…या शायद कहना है!)
फिर आगे फरमाते हैं, “Virat is the greatest ambassador for cricket. And the kind of commitment he has shown, I would say Virat is to cricket what [Novak] Djokovic or Roger Federer is to tennis. So I would want him to continue playing IPL and I would rather want him to reconsider his decision to retire from Test cricket.”
वाह! क्या डिप्लोमेसी है! मतलब मक्खन भी लगा दिया और बात भी कह दी।
क्लाइमेक्स: अब क्या करें कोहली भाई? (मजेदार एंडिंग)
तो भैया, अब बात ये है कि धूमल जी हों या पूरी BCCI, रिक्वेस्ट तो करनी ही पड़ेगी। क्योंकि हमारे Virat kohli भाई अब सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं रहे, वो ‘नेशनल संपत्ति’ से ‘नेशनल आदत’ बन चुके हैं। और आदतें, भैया, इतनी आसानी से कहाँ छूटती हैं!
तो अब सवाल ये उठता है कि Virat kohli भाई करें तो करें क्या? एक तरफ कुआँ, दूसरी तरफ फैंस का ‘और खेलो, और खेलो’ वाला खाई। मुझे तो लगता है, कोहली भाई को अब हर साल एक ‘रिटायरमेंट कैलेंडर’ जारी करना चाहिए – जनवरी में वनडे से रिटायरमेंट की घोषणा, मार्च में वापसी। मई में टी20 से संन्यास का ऐलान, जुलाई में यू-टर्न। सितंबर में टेस्ट से अलविदा, नवंबर में ‘देश की डिमांड पर’ फिर से सफेद जर्सी। और हाँ, IPL तो ‘पेंशन प्लान’ की तरह चलता ही रहेगा, नो रिटायरमेंट, ओनली ‘रि-टायरमेंट’ (थककर फिर से तैयार होना)।
या फिर, सबसे बढ़िया! BCCI को एक नया रियलिटी शो शुरू करना चाहिए – “कौन बनेगा अगला नॉन-रिटायर्ड क्रिकेटर?” जनता वोट करेगी, एक्सपर्ट अपनी राय देंगे, और हर हफ्ते कोई न कोई दिग्गज अपने रिटायरमेंट को ‘रिवर्स’ करके सबको सरप्राइज देगा। टीआरपी तोड़ेगा बॉस!
बाकी जो भी हो, एक बात तो तय है – जब तक Virat kohli भाई का बल्ला चल रहा है (या नहीं भी चल रहा है), हमारा मनोरंजन तो फुल ऑन चालू रहेगा। अब देखते हैं, ये यू-टर्न वाला ड्रामा कितने सीजन और चलता है! तब तक के लिए, पॉपकॉर्न तैयार रखिए!
ऐसी और मज़ेदार और सोचने पर मजबूर कर देने वाली सैटायर कहानियाँ पढ़ने के लिए Storiester की Satire कैटेगरी में जाएँ। हमें Instagram पर फॉलो करें और अपडेट्स पाते रहें!