
एक भरोसेमंद ‘गुरु’ या मौत का सौदागर? कानपुर के कुशाग्र कनौजिया हत्याकांड की दहला देने वाली हकीकत
आज के दौर में अपराध समाज में इतनी गहराई तक अपनी जड़ें जमा चुका है कि अब भरोसा किस पर किया जाए, यह समझना मुश्किल हो गया है। सबसे भयावह स्थिति तब होती है, जब रक्षक ही भक्षक बन जाए और ज्ञान देने वाले गुरु ही अपने शिष्य की जान





